Frequently Asked Questions
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- गठबंधन के संविधान संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- गठबंधन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
- परस्पर विरोधी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन के विषय में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- गठबंधन से जुड़ने के विषय में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- अन्य विषयों में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- संगठन के कार्यकर्ताओं को वेतन मिल सकता है
- संगठन चलाने के लिए पैसा मिल सकता है
- जुड़ने वाली नई पार्टी को राजनीति में स्थापित होने वाला समय घट जायेगा.
- पार्टी के नाम पर अपने स्वार्थ के लिए दुकान चलाने का आरोप लगना बंद हो जाएगा।
- आप के समान विचारधारा के लोग धरती के जिस भी कोने में है उन सब से मुलाकात हो जाएगी।
- प्रशासन को आपका उत्पीड़न करने की हिम्मत नहीं पड़ेगी।
- आप को पुलिस सुरक्षा मिलनी आसान हो जाएगी।
- एक ही उद्देश्य के लिए काम करने वाले सभी संगठन एकजुट हो जायेंगे, तो मिशन जल्दी पूरा हो जायेगा. बाकी बचे समय में वे कुछ और कार्य कर सकते हैं. कार्यकर्ता एक जीवन में एक ही कार्य करने की बजाय कई उद्देश्य पूरे कर सकते हैं.
- बहुमत का प्रबंधन।
- अल्पमत को संरक्षण।
- धर्म समदर्शिता।
- कुल 64 तरह के परस्पर विरोधी विचारों में समन्वय के लिए फिलामेंट मैनेजमेंट।
- धरती की मानव जनसंख्या दृश्य प्रभु और उसकी सत्ता ही प्रभुसत्ता।
- व्यक्ति साध्य, राज्य व राज व्यवस्था साधन।
- सांस्कृतिक विविधता की रक्षा।
- विश्वशांति और जन जन की समृद्धि के लिए वैश्विक संधि।
- धनवान को सुरक्षा।
- निर्धन को आरक्षण।
- अन्य सिद्धांत के लिए गठबंधन के संविधान का अनुच्छेद एक से 4 में अंकित है।
- राजनीतिक पार्टियों को गैप गठबंधन से जुड़ने के लिए शपथ पत्र
- स्वैच्छिक संगठनोंको गैप गठबंधन से जुड़ने के लिए शपथपत्र
- वाणिज्यिक फर्म और कंपनियों को गैप गठबंधन से जुड़ने के लिए शपथ पत्र
गठबंधन के संविधान संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न : क्या गैप गठबंधन के संविधान को समझाने के लिए भी कोई प्रशिक्षण शिविर आयोजित होता है?
प्रश्न : गैप गठबंधन का संविधान कहाँ मिलेगा?
प्रश्न : गैप गठबंधन का संविधान तैयार करने वाले विश्वात्मा ही क्या गैप गठबंधन के अध्यक्ष हैं?
प्रश्न : सामाजिक और वाणिज्यिक विंग का क्या अर्थ है?
प्रश्न : गठबंधन के लिखित संविधान की जरूरत क्या है?
प्रश्न : गठबंधन के संविधान की मौलिक विशेषताएं क्या हैं?
गठबंधन के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
प्रश्न : क्या केवल राजनीतिक पार्टियां ही गैप गठबंधन के साथ जुड़ सकती हैं?
प्रश्न : गैप GAPP के साथ गठबंधन करने से मेरी पार्टी को और मुझे क्या फायदा होगा?
प्रश्न : इस गठबंधन से भारत और भारत के लोगों का क्या फायदा होगा?
प्रश्न : गैप गठबंधन से जुड़ने के जो फायदे हैं, उनके बारे में विस्तार से जानकारी कैसे मिलेगी?
प्रश्न : गठबंधन का मूल सिद्धांत क्या है?
प्रश्न : गठबंधन का नाम इतना व्यापक क्यों है? यानी इसका दायरा विश्वव्यापी क्यों है?
प्रश्न : केवल दो मुद्दों- भागीदारी और शांति को ही गठबंधन के नाम मे जगह क्यों दिया
प्रश्न : गठबंधन का नाम ऐसा क्यों न हो, जिससे वह व्यावहारिक दिखे?
प्रश्न : गठबंधन का नाम उद्देश्य और संविधान केवल सत्ता परिवर्तन तक ही सीमित क्यों नहीं किया जाए?
प्रश्न : जो लोग अपना संगठन अपने आमदनी के जरिये के लिए चलाते हैं, वे गठबंधन से क्यों जुड़ेंगे?
प्रश्न : जो लोग राजसत्ता कब्जा करने के लिए पार्टी चलाते हैं वह गठबंधन से क्यों जुड़ेंगे?
प्रश्न : जो लोग अपनी आत्म संतुष्टि के लिए संगठन चलाते हैं, न तो उनको पैसे का लोभ है और न ही राजसत्ता का, वे जुड़ना पसंद क्यों करेंगे?
प्रश्न : गैप गठबंधन कब शुरू हुआ? इसका इतिहास क्या है?
प्रश्न : गैप संधि की अधिकृत वेबसाइट क्या है?
प्रश्न : यदि गठबंधन का कोई अध्यक्ष नहीं है तो गठबंधन में आने वाले संगठनों का पंजीकरण कौन करता है?
प्रश्न : क्या गठबंधन रजिस्टर्ड संस्था है?
प्रश्न : मैं कैसे जान सकता हूं कि गठबंधन मेरे मिशन पर काम करेगा या नहीं?
प्रश्न : गठबंधन का नेतृत्व करने वाला चेहरा कौन है?
प्रश्न : गठबंधन की विचारधारा क्या है?
प्रश्न : गठबंधन अपना काम करने के लिए पैसा कहां से लाएगा?
प्रश्न : क्या यह गठबंधन सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के खिलाफ बनाया जा रहा है?
प्रश्न : क्या अखंड भारत यानी दक्षिण एशियाई देशों का यूनियन बनाना इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य है?
प्रश्न : गठबंधन का नाम गैप गठबंधन क्यों है?
प्रश्न : विश्व स्तरीय गठबंधन क्यों? देश स्तरीय क्यों नहीं?
परस्पर विरोधी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन के विषय में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न : गठबंधन द्वारा दो परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं में समन्वय की कोशिश क्यों?
प्रश्न :क्या परस्पर विरोधी विचारधाराएं शाश्वत है?
प्रश्न : क्या सभी विचारधाराओं के पीछे कोई प्राकृतिक नियम काम करता है?
प्रश्न : क्या मानव समाज में जिस प्रकार अलग-अलग लिंग के लोग होते हैं उसी तरह अलग-अलग विचारधाराओं के लोग भी होते हैं?
प्रश्न : क्या व्यक्ति की शत्रु विचारधारा के पीछे व्यक्ति के अपने कुछ जींस और हार्मोन होते हैं?
प्रश्न : क्या व्यक्ति की अपनी विचारधारा के पीछे भी कोई उसका अपना हार्मोन और जींस होते हैं?
गठबंधन से जुड़ने के विषय में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न : गठबंधन से जुड़ने के लिए आवेदन पत्र कहां मिलेगा?
प्रश्न : क्या गैप गठबंधन से जुड़ने के लिए कोई हलफनामा भी देना होता है? यदि हां, तो वह हलफनामा का प्रारूप कहां मिलेगा?
अन्य विषयों में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न : क्या गैप गठबंधन के संविधान को समझाने के लिए भी कोई प्रशिक्षण शिविर आयोजित होता है?
उत्तर – जी हां। प्रशिक्षण शिविर में पंजीकरण कराने के लिए फोन नंबर है,- 96 96 1 2 3 4 5 6
प्रश्न : गैप गठबंधन का संविधान कहाँ मिलेगा?
उत्तर : गैप गठबंधन का संविधान हिंदी में पढने के लिए यहाँ क्लिक करें.
प्रश्न : गैप गठबंधन का संविधान तैयार करने वाले विश्वात्मा ही क्या गैप गठबंधन के अध्यक्ष हैं?
उत्तर- नहीं। गठबंधन में शामिल होने वाले सभी राजनीतिक दलों के व सभी सामाजिक संगठनों के सभी स्तर के पदाधिकारी वोटिंग करेंगे इसके बाद गठबंधन का अध्यक्ष पैदा होगा।
प्रश्न : सामाजिक और वाणिज्यिक विंग का क्या अर्थ है?
उत्तर : सामाजिक और वाणिज्यिक विंग गठबंधन के 2 विभागों के नाम हैं। सामाजिक विंग सामाजिक संगठनों के संपर्क में रहने और उनको गठबंधन के सदस्य के रूप में पंजीकृत करने के लिए अधिकृत है। इसी तरह वाणिज्यिक कंपनियों, फर्मों और वाणिज्यिक संगठनों के संपर्क में रहने और उनको गठबंधन के सदस्य के रूप में पंजीकृत करने के लिए गठबंधन का वाणिज्यिक विंग अधिकृत है।
प्रश्न : गठबंधन के लिखित संविधान की जरूरत क्या है?
उत्तर- परिवार में सदस्यों की संख्या कम होती है, अतः लिखित संविधान की जरूरत नहीं होती। लेकिन किसी भी संगठन, किसी भी देश, राजनीतिक पार्टी, ट्रस्ट या कंपनी का लिखित संविधान होता है। क्योंकि इनके सदस्यों और कर्मचारियों की संख्या बड़ी होती है। लिखित संविधान गठबंधन के इसके सदस्यों के कार्यकलापों की पारदर्शिता की जांच की जा सकती है और सुचारू ढंग से संगठन को चलाना संभव हो सकता है। लिखित संविधान से गठबंधन पर किसी व्यक्ति के शासन की बजाय कानून का शासन लागू हो जाता है, जो हर दृष्टि से उचित है। इससे गठबंधन के सदस्य संगठनों के साथ न्याय करना और सदस्य संगठनों के नेतृत्व के स्वाभिमान के बीच समन्वय करना संभव होता है। लिखित संविधान होने से गठबंधन का नेतृत्व पैदा करने के लिए कारपोरेट ताकतों के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ेगी। गठबंधन का लिखित संविधान स्वयं गठबंधन का नेतृत्व पैदा करने की शक्ति रखता है और इसके लिए व्यवस्था देता है।
प्रश्न : गठबंधन के संविधान की मौलिक विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर : 1. सामूहिक नेतृत्व।
2. परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन-
• अतीत के मूल्यों और संस्कारों तथा वर्तमान के जरूरतों के बीच समन्वय और संतुलन,
• दक्षिणपंथी और वामपंथी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• भविष्य मैं आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों और वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों के बीच समन्वय और संतुलन,
• समष्टि और व्यष्टि विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• एक ही विचारधारा और एक ही योग्यता के विभिन्न स्तरों के बीच समन्वय और संतुलन;
• अस्तित्व और नास्तिकता संबंधी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• केंद्रीकरण और विकेंद्रीकरण की विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• वैश्वीकरण और स्थानीय स्वशासन के विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• व्यक्तिवादी और समाजवादी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• पूंजीवादी और साम्यवादी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन।
प्रश्न : क्या केवल राजनीतिक पार्टियां ही गैप गठबंधन के साथ जुड़ सकती हैं?
उत्तर – गैप गठबंधन के साथ राजनीतिक पार्टियां तो जुड़ी सकती है लेकिन गठबंधन के सामाजिक विंग के साथ सामाजिक सांस्कृतिक संगठन, एन.जी.ओ., चेरिटेबल ट्रस्ट भी जुड़ सकते हैं और गठबंधन के वाणिज्य विंग से चेरिटेबल कंपनियां और व्यवसायिक कंपनियां भी जुड़ सकती हैं।
प्रश्न : गैप GAPP के साथ गठबंधन करने से मेरी पार्टी को और मुझे क्या फायदा होगा?
उत्तर – गैप गठबंधन से जुड़ने पर जुड़ने वाले संगठन को कई फायदे हो सकते हैं उदाहरण के लिए कुछ फायदे नीचे अंकित हैं:-
प्रश्न : इस गठबंधन से भारत और भारत के लोगों का क्या फायदा होगा?
उत्तर : भारत में सोशल व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के दुरुपयोग के कारण बढ़ रहे सामुदायिक संघर्षों और हिंसा को प्रोत्साहन मिल रहा है. इसके कारण देश के विभिन्न समुदायों और विचारधाराओं के बीच असहिष्णुता दुर्भाग्यवश बढ़ रही है. इसकी वजह से भविष्य के दशकों में जातीय व सांप्रदायिक हिंसा व पडोसी देशों के साथ युद्ध की सम्भावनाएँ चरम पर पहुँच जाएँगी. गठबंधन की भारतीय इकाई का उद्देश्य भारत व भारत के लेगों को इन खतरों से बचाना है. अधिक जानकारी के लिए गठबंधन के संविधान की अनुसूची-2 देखिये.
प्रश्न : गैप गठबंधन से जुड़ने के जो उपरोक्त सात फायदे हैं, उनके बारे में विस्तार से जानकारी कैसे मिलेगी?
उत्तर – इसके लिए समय-समय पर प्रशिक्षण होता रहता है. उसमें मामूली फीस देकर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। प्रशिक्षण शिविर में पंजीकरण कराने के लिए फोन नंबर है,- 96 96 1 2 3 4 5 6
प्रश्न : गठबंधन का मूल सिद्धांत क्या है?
उत्तर – सूत्र रूप में गठबंधन के संविधान का सिद्धांत इस प्रकार है:-
प्रश्न – गठबंधन का नाम इतना व्यापक क्यों है? यानी इसका दायरा विश्वव्यापी क्यों है?
उत्तर- क्योंकि किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों का नुकसान करने वाला गैट समझौता (1994) का दायरा विश्वव्यापी था। बहुत व्यापक था। उसका दायरा किसी एक देश की सीमाओं में सीमित नहीं था। दुश्मन के पास जो हथियार होता है, उससे कमजोर हथियार से लड़ा नहीं जा सकता। गैट के पेट से पैदा हुए विश्व व्यापार संगठन जैसे विश्वव्यापी संगठन का सामना गैप जैसा कोई विश्वव्यापी संगठन ही कर सकता है।
प्रश्न : केवल दो मुद्दों- भागीदारी और शांति को ही गठबंधन के नाम मे जगह क्यों दिया गया है?
उत्तर- मशीनों के चौतरफा विस्तार के कारण वर्तमान और भविष्य में उत्पादन बड़ी समस्या नहीं रहा। अब भागीदारी बड़ी समस्या है। भागीदारी शब्द से संपूर्ण अर्थव्यवस्था के न्यायीकरण का बोध होता है। शांति शब्द से संपूर्ण राज्य व्यवस्था को न्याय प्रिय बनाने के कार्य का बोध होता है। जब तक व्यक्ति के मन में शांति नहीं होती जब तक एक शांतिपूर्ण सामाजिक और धार्मिक व्यवस्था नहीं बनती, तब तक राज्य शांति स्थापित करने का लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता। इस प्रकार केवल दो शब्दों “भागीदारी और शांति” में अर्थव्यवस्था, राजव्यवस्था, धार्मिक व्यवस्था, सामाजिक व्यवस्था.. सब कुछ समाहित हो जाता है। समाज के किसी भी क्षेत्र में और किसी भी विषय पर काम करने वाले व्यक्तियों और संगठनों को समायोजित करना संभव हो जाता है।
प्रश्न : गठबंधन का नाम ऐसा क्यों न हो, जिससे वह व्यावहारिक दिखे?
उत्तर- व्यावहारिक दिखने की कोशिश में समस्याओं के सच्चे समाधान को छिपाना सामाजिक अपराध है। एक ही चीज जो एक व्यक्ति को अव्यावहारिक लगती है दूसरे व्यक्ति को व्यावहारिक लगती है। इसलिए व्यावहारिकता व्यक्ति के अपने निजी मन के सापेक्ष हैं। गठबंधन की सैकड़ों शाखाएं और प्रशाखाएं हैं। हर व्यक्ति को व्यवहारिक दिखने वाला कोई न कोई काम गठबंधन के किसी न किसी शाखा या प्रशाखा में मौजूद है। गठबंधन से जुड़ने के लिए गठबंधन के संविधान में उसको तलाशना पड़ेगा।
>प्रश्न : गठबंधन का नाम उद्देश्य और संविधान केवल सत्ता परिवर्तन तक ही सीमित क्यों नहीं किया जाए?
उत्तर- सत्ता परिवर्तन भी समाज की समस्याओं का हल होता है। किंतु केवल सत्ता परिवर्तन से समाज की सभी समस्याएं हल नहीं होतीं। गठबंधन का उद्देश्य समाज की वर्तमान समस्याओं और भविष्य में पैदा होने वाली समस्याओं का हल करना है। सत्ता परिवर्तन इस उद्देश्य का मात्र एक साधन होता है।
प्रश्न : जो लोग अपना संगठन अपने आमदनी के जरिया के लिए चलाते हैं वह गठबंधन से क्यों जुड़ेंगे?
उत्तर – गठबंधन से जुड़ने पर उनकी आमदनी बढ़ जाएगी। इसलिए जुड़ेंगे।
प्रश्न : जो लोग राजसत्ता कब्जा करने के लिए पार्टी चलाते हैं वह गठबंधन से क्यों जुड़ेंगे?
उत्तर – गठबंधन से जुड़ने पर उनका जन समर्थन बढ़ जाएगा जनता का विश्वास उन्हें बढ़ जाएगा उनका वोट बैंक खंड- खंड में टूटने से बच जाएगा। इससे कम समय में सत्ता तक पहुंच सकते हैं। इसलिए जुड़ेंगे।
प्रश्न :जो लोग अपनी आत्म संतुष्टि के लिए संगठन चलाते हैं, न तो उनको पैसे का लोभ है और न ही राजसत्ता का, वे जुड़ना पसंद क्यों करेंगे?
उत्तर – निष्काम भाव से काम करने वाले समाजसेवी लोग जुड़ना इसलिए पसंद करेंगे क्योंकि उनकी अपनी विचारधारा के लोग गठबंधन के मंच पर उनको मिल जाएंगे।
प्रश्न : गैप गठबंधन कब शुरू हुआ? इसका इतिहास क्या है?
उत्तर- गैप गठबंधन 2015 में शुरू हुआ जब इस विषय में विश्व के 198 देशों के विदेश मंत्रियों को पत्र भेजकर गैप नाम की अंतरराष्ट्रीय संधि पर सहमति देने की मांग की गई।
प्रश्न : गैप संधि की अधिकृत वेबसाइट क्या है?
उत्तर- गैप संधि की अधिकृत वेबसाइट है : www.gapptreaty.org
प्रश्न : यदि गठबंधन का कोई अध्यक्ष नहीं है तो गठबंधन में आने वाले संगठनों का पंजीकरण कौन करता है?
उत्तर- गठबंधन की एक पंजीकरण कमेटी है जो यह काम करती है जो बाद में गठबंधन के अध्यक्ष के अधीन काम करेंगी।
प्रश्न : क्या गठबंधन रजिस्टर्ड संस्था है?
उत्तर : गठबंधन के रजिस्ट्रेशन के सम्बन्ध में फैसला लेने का अधिकार गठबंधन की केन्द्रीय समिति को है. जो गठन की प्रक्रिया में है.
प्रश्न : मैं कैसे जान सकता हूं कि गठबंधन मेरे मिशन पर काम करेगा या नहीं?
उत्तर : किसी व्यक्ति या किसी संगठन को गठबंधन के संविधान में अपने मिशन की उपस्थिति देखने के लिए गठबंधन के संविधान की अनुसूची दो का अध्ययन करना चाहिए।
प्रश्न : गठबंधन का नेतृत्व करने वाला चेहरा कौन है?
उत्तर : जरूरत के अनुसार समय-समय पर गठबंधन का संविधान गठबंधन का नेतृत्व और चेहरा पैदा करता रहेगा।
प्रश्न : गठबंधन की विचारधारा क्या है?
उत्तर : गठबंधन की विचारधारा गठबंधन के संविधान की प्रस्तावना और सिद्धांत मान्यताएं और दर्शन से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 1.3 में अंकित है।
प्रश्न : गठबंधन अपना काम करने के लिए पैसा कहां से लाएगा?
उत्तर : सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में रोजगार, वोटरशिप की मासिक आमदनी, अपने और अपने समुदाय के साथ न्याय, आरडीआर, जीवन व संपत्ति की सुरक्षा और स्थानीय और विश्व शांति के लाभों को देखकर जनता स्वयं छोटी-छोटी धन राशियों का योगदान नियमित करेगी। गठबंधन के सदस्य संगठनों के कार्यकर्ता ऑनलाइन सिस्टम द्वारा इसको नियमित गठबंधन तक पहुंचाएंगे। यह राशि वापस संबंधित संगठन को मिलेगी, जिससे गठबंधन के सदस्य संगठन अपना खर्च लाएंगे।
प्रश्न : क्या यह गठबंधन सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन के खिलाफ बनाया जा रहा है?
उत्तर : नहीं। इसमें कोई भी पार्टी ज्वाइन कर सकती है। यह अंतरराष्ट्रीरीय गठबंधन है। यह उन अंतर्राष्ट्रीय और परा राजनीतिक समस्याओंओं के समाधान के लिए काम कर रहा है, जिन समस्याओं से सत्ताधारी दल के वोटर और विपक्षी दलों के वोटर, सभी परेशान हैं।
गठबंधन के संविधान संबंधी अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न : गठबंधन का नाम गैप गठबंधन क्यों है?
उत्तर : अधिकतम मुद्दों को शामिल करने के लिए “भागीदारी और शांति पर विश्वव्यापी गठबंधन, गैप” सबसे उपयुक्त नाम है। गठबंधन को नाम देने के क्रम में कुल 150 नामों में से गैप को चुना गया। “ग्लोबल यानी वैश्विक” शब्द जरूरी है, जिससे पूरे विश्व के संगठनों को जोड़ा जा सके और अपने देश में मौजूद विश्वस्तरीय समस्याओं को हल किया जा सके। गठबंधन का मूल उद्देश्य शांति स्थापना है इसलिए इसके नाम में “पीस यानी शांति” शब्द अनिवार्य है। गठबंधन में “एलायंस” यानी “गठबंधन” शब्द हटाना संभव नहीं। न्याय के विविध पक्षों को लागू करने के लिए “पार्टिसिपेशन” यानी “भागीदारी” सर्वश्रेष्ठ उपकरण है, इसलिए इस शब्द को गठबंधन के नाम में रखा गया।
प्रश्न : गठबंधन के लिखित संविधान की जरूरत क्या है?
उत्तर- परिवार में सदस्यों की संख्या कम होती है, अतः लिखित संविधान की जरूरत नहीं होती। लेकिन किसी भी संगठन, किसी भी देश, राजनीतिक पार्टी, ट्रस्ट या कंपनी का लिखित संविधान होता है। क्योंकि इनके सदस्यों और कर्मचारियों की संख्या बड़ी होती है। लिखित संविधान गठबंधन के इसके सदस्यों के कार्यकलापों की पारदर्शिता की जांच की जा सकती है और सुचारू ढंग से संगठन को चलाना संभव हो सकता है। लिखित संविधान से गठबंधन पर किसी व्यक्ति के शासन की बजाय कानून का शासन लागू हो जाता है, जो हर दृष्टि से उचित है। इससे गठबंधन के सदस्य संगठनों के साथ न्याय करना और सदस्य संगठनों के नेतृत्व के स्वाभिमान के बीच समन्वय करना संभव होता है। लिखित संविधान होने से गठबंधन का नेतृत्व पैदा करने के लिए कारपोरेट ताकतों के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं पड़ेगी। गठबंधन का लिखित संविधान स्वयं गठबंधन का नेतृत्व पैदा करने की शक्ति रखता है और इसके लिए व्यवस्था देता है।
प्रश्न : विश्व स्तरीय गठबंधन क्यों? देश स्तरीय क्यों नहीं?
उत्तर : जिससे पूरे विश्व के संगठनों को जोड़ा जा सके और अपने देश में मौजूद विश्वस्तरीय समस्याओं को हल किया जा सके।
प्रश्न : गठबंधन द्वारा दो परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं में समन्वय की कोशिश क्यों?
उत्तर : मानव जीवन में मौत किसी को पसंद नहीं है किंतु चूंकि उसे नष्ट नहीं जा सकता। इसलिए उसके साथ समन्वय और संतुलन बनाकर जीवन जीना समझदारी माना जाता है। जिस प्रकार व्यक्ति को अपनी विचारधारा अपनी अंतरात्मा की रूहानी आवाज और समाज के लिए हितकर आवाज महसूस होती है, उसी प्रकार वे विचारधाराएं भी अंतरात्मा की रूहानी आवाज और समाज के लिए हितकर उन लोगों को महसूस होती है जो विचारधाराएं अपने को पसंद नहीं होतीं, या हमें शत्रु विचारधारा जैसी महसूस होती हैं। प्रकृति दो अलग-अलग लिंगों के इंसान पैदा करती है जो शारीरिक बनावट में परस्पर विपरीत दिखाई पड़ते हैं। किंतु फिर भी एक दूसरे के पूरक होते हैं। उसी प्रकार प्रकृति दो परस्पर विरोधी विचारधाराओं के लोगों को भी पैदा करती है, जो परस्पर शत्रु भले ही दिखाई पड़े, किंतु एक दूसरे के पूरक होते हैं। चाहे शारीरिक बनावट में भेद हो, चाहे मानसिक बनावट में भेद हो, दोनों ही भेद व्यक्ति के अंदर मौजूद कुछ विशेष हारमोंस और जींस के कारण होते हैं। अपने अंदर मौजूद जींस और हारमोंस को सही कहना और दूसरे के अंदर मौजूद जींस और हारमोंस को गलत कहना उचित नहीं है। अपने शरीर में मौजूद जींस और हारमोंस पर जिस प्रकार अपना वश नहीं है, उसी प्रकार दूसरे व्यक्ति के शरीर में मौजूद जींस और हारमोंस पर उस व्यक्ति का अपना वश नहीं है। इसलिए अपने को संत समझना और अपने विरोधी विचारधारा के प्रचारक को अपराधी समझना उचित नहीं है। जब अपनी विचारधारा और अपनी विरोधी विचारधारा दोनों के पीछे प्रकृति के नियमों का हाथ है तब दो परस्पर विरोधी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन बना कर जीना ही उचित है।
प्रश्न : क्या परस्पर विरोधी विचारधाराएं शाश्वत है?
उत्तर : क्योंकि राजनीति शास्त्र का इतिहास इस बात का सबूत है कि परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं का सहअस्तित्व इतिहास में था, वर्तमान में है और भविष्य में भी रहेगा। यानी परस्पर विरोधी विचारधाराएं शाश्वत हैं। इसलिए प्रकृति की पैदावार हैं। इसमें कोई भी एक विचारधारा न तो किसी की साजिश की उपज है, न तो किसी की अज्ञानता की उपज है।
प्रश्न : क्या सभी विचारधाराओं के पीछे कोई प्राकृतिक नियम काम करता है?
उत्तर :. दलितों, महिलाओं और समलैंगिकों के अधिकारों की वकालत करने वालों को पहले पथभ्रष्ट, अनैतिक, समाज को तोड़ने वाले, अज्ञानी, समाजद्रोही, असामाजिक तत्व, साजिशकर्ता, दलितों, महिलाओं और समलैंगिक समुदायों के मन को उकसाने वाले, समाज व्यवस्था को तोड़ने वाले, पश्चिमी देशों के एजेंट, भारतीय सभ्यता और संस्कृत के शत्रु… आदि नकारात्मक शब्दों से संबोधित किया जाता था। किंतु समय के क्रम में दलितों, महिलाओं और समलैंगिकों को उनके आंशिक अधिकार मिल गए। इन घटनाओं ने यह साबित किया कि आज भी जब समाज के बहुत लोग एक ही विचारधारा पर आधारित कोई एक ही मांग करते हैं और उनको अज्ञानी, समाज द्रोही, अनैतिक और साजिशकर्ता … कहकर रोका जाता है, तो यह रोकने वालों का ही अज्ञान है। जब किसी एक व्यक्ति की विचारधारा बहुत से लोगों की विचारधारा बन जाए तो यह समझना चाहिए कि वह प्रकृति द्वारा पैदा की गई विचारधारा है। यह किसी की साजिश नहीं है। धरती के, समाज के और सरकार के संसाधनों में इन सभी तरह की विचारधाराओं को हिस्सेदारी मिलना चाहिए।
प्रश्न : क्या मानव समाज में जिस प्रकार अलग-अलग लिंग के लोग होते हैं उसी तरह अलग-अलग विचारधाराओं के लोग भी होते हैं?
उत्तर : जिस तरह आनुवंशिक विज्ञान के नियमों के कारण प्रकृति स्त्री, पुरुष और उभयलिंगी कुल 3 लैंगिक प्रजातियां पैदा होती हैं। उसी प्रकार परस्पर विरोधी विचारधाराओं की प्रजातियां प्रकृति के नियमों के कारण ही पैदा होती हैं। इसमें किसी एक विचारधारा को सही और दूसरे विचारधारा को गलत या किसी एक विचारधारा को सामाजिक और दूसरी विचारधारा को असामाजिक दर्जा नहीं दिया जा सकता।
प्रश्न : क्या व्यक्ति की शत्रु विचारधारा के पीछे व्यक्ति के अपने कुछ जींस और हार्मोन होते हैं?
उत्तर : जिस प्रकार मानव जाति में कुछ लोग जन्मजात अनुवांशिक नियमों और हारमोंस के कारण अलग-अलग फोबिया के शिकार होते हैं। उसी प्रकार समाज में अलग-अलग लोग अलग-अलग राजनीतिक विचारधाराओं के प्रति फोबिया ग्रस्त होते हैं, यानी उनके अंदर उन विचारों के प्रति जन्मजात भय होता है। आग, विशाल जलराशि, ऊंचाई, खून, अकेलापन, उड़ने से डर लगने वाला फोबिया, क्रमशः एगारो फोबिया, एक्रोफोबिया, हाइड्रोफोबिया, हीमोफोबिया ऑटोफोबिया, एयरो फोबिया… आदि नामों से जाने जाते हैं। ये तमाम तरह के मानसिक स्वभाव है, जो व्यक्ति को जन्मजात प्राप्त होते हैं। इसके पीछे व्यक्ति की शरीर में मौजूद कुछ खास तरह के हारमोंस, जींस और जेहन होते हैं। इसी प्रकार अलग-अलग व्यक्तियों को अलग अलग राजनीतिक विचारधाराओं के प्रति जन्मजात डर की मानसिकता जन्म लेते प्राप्त हो जाती है। वह जीवन भर उस विचारधारा का विरोध करता रहता है। उसे लगता है कि वह विचारधारा समाज के लिए घातक है इसलिए शत्रु विचारधारा है। जबकि ऐसी अनुभूति उसे अपने अंदर मौजूद फोबिया के कारण होती है।
प्रश्न : क्या व्यक्ति की अपनी विचारधारा के पीछे भी कोई उसका अपना हार्मोन और जींस होते हैं?
उत्तर : अपने विरोधी लिंग के प्रति आकर्षण, समलिंगी के प्रति आकर्षण, कुछ जानवरों के प्रति आकर्षण, कुछ पौधों और वृक्षों के प्रति आकर्षण, समुद्री जल के प्रति आकर्षण पर्वतों के प्रति आकर्षण खनिज पदार्थों के प्रति आकर्षण, ग्लेशियर के प्रति आकर्षण, पूर्वजों के धार्मिक गीत, संगीत, लय, धुन, नृत्य शैली, प्रतीक चिन्ह….आदि के प्रति आकर्षण व्यक्ति को जन्मजात प्राप्त होते हैं। यह फोबिया से विपरीत मानसिक लक्षण है। इसी प्रकार कुछ राजनीतिक विचारधाराओं के प्रति व्यक्ति में जन्मजात आकर्षण होता है। इसी विचारधारा को व्यक्त जीवन भर यह मानकर चलता है कि यही उसका मिशन है, यही उसके जीवन का उद्देश्य होना चाहिए और समाज के लिए यही विचारधारा सर्वश्रेष्ठ और हितकर है। जबकि ऐसी अनुभूति उसके अंदर मौजूद खास तरह के आनुवंशिक नियमों और कारकों के कारण होती है। समाज में लोगों के शारीरिक रचना में अंतर करने वाले अनुवांशिक कारकों को “जीन” कहा जाता है तो समाज के लोगों के मानसिक और वैचारिक रचना में अंतर करने वाले अनुवांशिक कारकों को “जेहन” कहना ज्यादा उचित होगा। यही जेहन व्यक्ति की राजनीतिक विचारधारा तय करते हैं। अलग अलग व्यक्ति में परस्पर विरोधी जेहन हो सकते हैं, इसलिए अलग अलग व्यक्ति में परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधाराएं होती हैं। अतः एक विचारधारा को सही और किसी दूसरी विचारधारा को गलत नहीं कहा जा सकता। किसी एक विचारधारा को सामाजिक और उसके विपरीत विचारधारा को असामाजिक या समाज विरोधी विचारधारा नहीं कहा जा सकता। इसलिए दोनों के बीच समन्वय और संतुलन बनाना समाज और राज्य का सामूहिक कर्तव्य है। अपनी-अपनी विचारधारा के अनुसार जीवन जीना और अपनी अपनी विचारधारा का प्रचार प्रसार करना व्यक्ति का अपना और अपने समुदाय का निजी कर्तव्य है।
प्रश्न : गठबंधन से कैसे जुड़ सकते हैं?
उत्तर – गठबंधन से जुड़ने Join पर क्लिक करें।
प्रश्न : क्या गैप गठबंधन से जुड़ने के लिए कोई हलफनामा भी देना होता है? यदि हां, तो वह हलफनामा का प्रारूप कहां मिलेगा?
उत्तर – गठबंधन से जुड़ने के लिए तीन तरह के शपथ पत्र होते हैं। जिनको नीचे दिए गए लिंक से डाउनलोड किया जा सकता है:-
Send your question, if you have any :
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2. परस्पर विरोधी राजनीतिक विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन-
• अतीत के मूल्यों और संस्कारों तथा वर्तमान के जरूरतों के बीच समन्वय और संतुलन,
• दक्षिणपंथी और वामपंथी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• भविष्य मैं आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों और वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों के बीच समन्वय और संतुलन,
• समष्टि और व्यष्टि विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• एक ही विचारधारा और एक ही योग्यता के विभिन्न स्तरों के बीच समन्वय और संतुलन;
• अस्तित्व और नास्तिकता संबंधी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• केंद्रीकरण और विकेंद्रीकरण की विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• वैश्वीकरण और स्थानीय स्वशासन के विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• व्यक्तिवादी और समाजवादी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन,
• पूंजीवादी और साम्यवादी विचारधाराओं के बीच समन्वय और संतुलन।
उत्तर- सत्ता परिवर्तन भी समाज की समस्याओं का हल होता है। किंतु केवल सत्ता परिवर्तन से समाज की सभी समस्याएं हल नहीं होतीं। गठबंधन का उद्देश्य समाज की वर्तमान समस्याओं और भविष्य में पैदा होने वाली समस्याओं का हल करना है। सत्ता परिवर्तन इस उद्देश्य का मात्र एक साधन होता है।
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